जालंधर- अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने बुद्धवार को दिसंबर में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तीसरे पड़ाव की शुरूआत की समीक्षा की जिससे नौजवानों को और अधिक कुशल बनाया जा सके और उद्योगपतियों के लिए उपयुक्त श्रमिकों को विश्वसनीय बनाई जा सके। ज़िला प्रशासकी कांपलेक्स में कार्यकारी समिति और उद्योगपतियों के साथ एक मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि कौशल केंद्र हमारे नौजवानों को अलग -अलग क्षेत्रों के लिए कुशल बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं जिससे वह मार्केट की माँग को पूरा कर सकें और रोज़ी -रोटी कमा सकें।उन्होने कहा कि ज़िला प्रशासन केन्द्रों में पेशा प्रमुख पाठ्यक्रमों में दाख़िले के द्वारा नौजवानों के कौशल विकास को विश्वसनीय बनाने के लिए वचनबद्ध है जिससे वह स्व -निर्भर बन सकें।सारंगल ने कहा कि वर्तमान स्थिति में कौशल विकास समय की ज़रूरत है क्योंकि हमारे नौजवानों की समुच्चय शख्सियत के विकास के लिए साफ्ट स्कील ट्रेनिंग पर ज़ोर देने के अतिरोक्त अधिकतर नौकरियाँ कौशल आधारित हैं।एडीसी ने नौजवानों को अपने कौशल विकास के पाठ्यक्रम के साथ कोई भी साफ्ट स्कील ट्रेनिंग करने के लिए कहा जिससे वह मार्केट की ज़रूरतों को समझ सकें और अलग -अलग रोज़गार के अवसर के लिए बेहतर संचार कर सकें। उन्होंने उद्योगपतियों से उनके सुझाव भी लिए जिससे उनको उनकी आवश्यकता के अनुसार कौशल और शिक्षित श्रमिक मुहैया करवाई जा सके। उन्होंने उद्योगपतियों को उनको आवश्यकता अनुसार कौशल श्रमिकों की संख्या सम्बन्धित आंकड़े मुहैया करवाने के लिए कहा जिससे प्रशासन उस अनुसार कार्या कर सकें। अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इस से नौजवानों और उद्योगपतियों दोनों को लाभ होगा क्योंकि नौजवानों को जँहा अच्छी नौकरियाँ मिलेगी वहीं उद्योगपतियों को कौशल श्रमिक मिलेगा।
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